दिनेश गौतम, 9829422667
क्या प्यार वाकई में अंधा होता है या खुद के स्वार्थ को हम लेाग प्यार का नाम देते है। जिस समाज और परिवार में मैंने जन्म लिया वहां प्यार का मतलब दो अजनबियों का एक दूसरे के प्रति शारीरिक आर्कषण तो कतई नहीं था। दादाजी का गुस्सा भी हमें तो प्यार नजर आता था, ये अलग बात है कि उनके ज्यादा टोकने पर हम झुंझला जाते थे। मां की डांट और पापा से डर भी अब उनके प्यार का अहसास करवाता है। ज्यादातर पापा के बडे भाई के नजदीक रहा जो पुलिस में थे, उनका बोलना ही लोगों की पेंट गीली करने के लिए काफी था। लेकिन पता नहीं क्यों कभी मैं उनसे डरा नहीं। उनका ही असर है कि आवाज में मेरे भी वो कर्कशपन है। ये आवाज लोगों को भले ही पसंद नहीं आती, पर मुझे ऐसा लगता है कि लोगों को खुश करने के लिए नेचुरल चीज को खो दूंगा।
बात प्यार की चल रही थी और अपने आपको प्रदर्शन के लिए खड़ा कर दिया। इन दिनों जिस मीडिया लाइन मेें काम कर रहा हूं। वो सीधा पब्लिक से जुड़ा हुआ है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ इस पेशे में में ही पब्लिक से जुड़ा हूं, लेकिन नए कांसेप्ट पर हमारे मोबाइल नंबर सार्वजनिक हो रहे है जिससे कई तरह के फोन आते है। कई वेवजह तो कई अपनों से परेशान। कोई अपनी गलती को छुपाकर हमें सामने वाले के लिए फर्जी सबूत तक ला देता है। इसमें निर्णय करना बडा टेडा काम है कि क्या वाकई में लोग सही कर रहे है। ऐसे ही एक दिन एक लड़की की धीमी आवाज में आने वाले फोन ने मेरा ध्यान अपनी ओर खींचा। ऐसा नहीं है कि किसी लड़की ने पहली बार फोन किया था, पर उसकी मुझसे अपेक्षा देख मैं इस प्यार के शब्द पर सोचने को मजबूर हो गया।
पिछले छह माह में दो प्रतिष्ठित अखबारों में क्राइम रिपोर्टिंग कर चुका हूं। प्यार और उसकी वजह से होने वाले अपराधों से जुड़ें अनेको मामले देख चुका हूं। जितने भी मामले सामने आए उसमें से इस तरह का दूसरा मामला था। एक बार पहले मामले के बारे में बता दूं कि वह भी एक लड़की ने करीब दो माह पहले किया था, लेकिन उसने मेरा ध्यान केवल इस वजह से खींचा कि यदि हमने उसकी मदद नहीं की तो वह आत्महत्या कर लेगी। भला रिपोर्टर के अलावा हम भी तो इंसान है। कैसे किसी को ऐसे ही मरने के लिए छोड़ सकते है। उसने रोते हुए जब ऐसी बात कह दी तो हमने उसे भरोसा दिलाया और क्या मदद कर सकते है पूछा तो मुरलीपुरा निवासी रीटा चौधरी नामक उस लड़की ने रोते हुए बताया कि उसके घर वाले उसे बेच रहे है। एक रिपोर्टर के लिए इससे बड़ी सूचना और क्या हो सकती है कि किसी लड़की को बेचा जा रहा हो और उसकी जानकारी खुद लड़की दे रही हो। मैंने जैसे तैसे उसे शांत कराया और उससे जानकारी ली तो उसने एक लड़के से प्यार का जिक्र किया। हमें लगा कि संभव हो उस लड़के से शादी नहीं कराने को लेकर परिजन इस हैवानियत पर आ गए कि लड़की को बेचने के लिए तैयार हो गए।
हमने ये बात हमारे बॉस को बताई तो उन्होंने बताया कि जमीन और जोरू इनसे सावधान रहने की ज्यादा जरूरत है। ये तो हम भी समझते है कि जमीन की कीमत और लड़की के मन का कोई अंदाजा नहीं लगा सकता, लेकिन हमेशा ऐसा कहकर अपनी जिम्मेदारी से तो नहीं भाग सकते। हमने काफी सोचा इस दौरान कई दफा उस लड़की के फोन आए और हम उसे झूठी तसल्ली देते रहे। आखिरकार हमने उस लड़की को थाने के नंबर देकर मदद की गुहार लगाने को कहा तो उसने बताया कि मेरे पापा खुद इस थाने में ही इसलिए कुछ नहीं हो सकता। हम तो और भी परेशान हो गए कि पुलिसवाला अपनी ही जवान बेटी को आखिर बेच क्यूं रहा है। हमने उसे एक मोबाइल नंबर देकर अपनी परेशानी बताने के लिए कहा।
इसके बाद हमने आईजी बीएल सोनी से इस मामले की बात की और लड़की के नंबर दे दिए। करीब तीन घंटे बाद आईजी सोनी का फोन आया और बोला कि आपको सूचना किसने दी। मैंने लड़की के बारे में बताया। आईजी ने पूछा कि उसको मेरे नंबर आप ही ने दिए है क्या तो मैंने हां कहा। सोनी में मुझसे कहा कि आपके फोन आने के बाद उसका लड़की का फोन आया था। जब उसने मुझे पोजीशन बताई तो मैंने यहां से एडिशनल एसपी को भेजा था। मैंने उन्हें कहा कि जब वहां से जानकारी आ जाए तो एकबारगी मुझे भी इत्तला कर देना ताकि उसे हम भी देखें की क्या वजह थी। शाम को आईजी सोनी का फोन आया कि सारा मामला सुलट गया है। हमने पूछा कि क्या रहा तो बताया कि लड़की एमए पढ़ी लिखी २१ साल की थी। वह किसी मुस्लिम लड़के से मोहब्बत करने लगी। हमने उस लड़के को भी बुलाया तो पता लगा कि उसकी शादी पांच साल पहले हो चुकी थी। उसके दो बच्चे है और आठवीं जमात ही पास है। लड़की को उसकी शादीशुदा जिंदगी के बारे में मालूमात ही नहीं थी। धोखे में रखकर किया गया ये भी प्यार था। उसके बाद सब कुछ सही हो गया।
ठीक दो महीने बाद फिर एक और फोन आया जिसने फिर से मेरा ध्यान खींचा। वो मुरलीपुरा जैसे इलाके से था तो इस बार आगरा रोड पर जामड़ोली जैसे क्षेत्र से।
इस बार भी दबी हुई आवाज और रोते हुए कह रही हो मुझे तो बचाना जरूरी नहीं उसे जरूर बचा लो। उसे कौन? इसी सवाल पर हम उसे कुरेदते गए और परतें खुलती गई। मालियों की लड़की नाम गुणवंती, अपने आपको बीए पढ़ी-लिखी बता रही थी। लड़का मीणों की ढाणी में रहने वाला था जो उसी समाज का था। आठवीं पढ़ा लिखा लेकिन मजदूरी कर पट पालता था। कहानी में ट्विस्ट ये है कि लड़की को लड़के की शादीशुदा जिंदगी के बारे में मालूम है। गुणवंती का कहना है कि उसकी छोटी उम्र में ही शादी कर दी गई। अब उसके दो बच्चे जरूर है लेकिन वो उसे तलाक देना चाहता है। हम दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते है। मुझे मेरे घरवालों ने कैद कर रखा है और उसे उसके समाज वालों ने। हालंाकि ये जानकारी दोनों के ही परिवार वालों को है। लेकिन पता नहीं क्यूं उसके समाज वालों ने उसको बंद कर रखा है। प्लीज उसे कैद से छुड़ा दो। जब मैंने उसे समझाने की कोशिश की तो कहा कि मुझे कुछ नहीं सुनना केवल उसे छुड़वा दो। मैंने गुणवंती को पुलिस में सूचना देने की बात कही तो उसने कहा कि पुलिस उसके समाजवालों से मिली हुई है। आखिर इस कहानी का आधार भी वहीं प्यार है जो आंखों पर पट्टी बांधे किया जा रहा है। मैंने इस बारे मेंं काफी सोचा कि क्या लड़की पहली पत्नि को तलाश दिलवाकर बीच राह में छोड़ देना और किसी कुंआरी लड़की से शादी करना जायज है। उन दो बच्चों का क्या कसूर है। उस पत्नी का क्या दोष है जो अपने घर को छोड़ पति के सहारे रह रही है।
मैंने उसकी कहानी को सुना और मदद करने का आश्वासन देने के बाद फोन काट दिया। दो दिन बाद फिर वहीं फोन आया, आखिर हमने पूछा कि हम उसे छुड़वा देंगे, लेकिन तुम उसे छोड़ दोगी? उसका कहना था कि इस बारें में आपको कुछ नहीं कह सकती। हम दोनोंं राजी है तो फिर पता नहीं क्यों लोग हमारे बीच में आ रहे है। मैंने उसे समझाया कि कहीं तुम समझना नहीं चाह रही इसका मतलब कोई गलती तो नहीं कर बैठी, उसने मुझसे ही कुरेदना शुरू कर दिया कि गलती कैसी? जब हमने बात घुमायी और उसे साफ कह दिया कि यदि तुम उस लड़के की जिंदगी से दूर हो जाओं तो मैं उसे कैद मुक्त करवा सकता हूं,वरना तुम्हारे लिए किसी का परिवार नहीं उजाड़ सकता। पर वो केवल मुझे नाम पता देती रही और उसे कैद से मुक्त कराने की कहती रही।
विचारणीय,
ReplyDeleteयह प्यार अगर भावनाओं का आधारित होता है,तो उस प्यार को दूसरो की भावनायों के साथ खिलवाड का क्या अधिकार है।
क्या ऐसा नहिं लगता कि प्यार अंधा होता है,शायद इसिलिये यह सामाजिक अनुशासन आवश्यक हो जाते है?