Thursday, April 1, 2010

एटीएस के सीक्रेट फंड को लेकर सीेक्रेट वार

आतंकवादियों और देश विरोधी ताकतों तक पहुंचने के लिए खुफिया सूचना तंत्र विकसित करने के लिए राजस्थान एंटी टेरेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) के लिए बनाया गए सीक्रेट सर्विस फंड (एसएस फंड) को लेकर आजकल एटीएस में जबरदस्त खींचतान मची हुई है। वित्तीय वर्ष 2009-2010 में एसएस फंड के लिए मिले 35 लाख रुपए के खर्चे की यूटलाइजेशन रिपोर्ट 16 मार्च को पुलिस मुख्यालय को भेजी जा चुकी है, जबकि विभाग से भास्कर को छन-छनकर मिल रही खबर के मुताबिक इस मद में अब तक के खर्चे के बाद अभी 24 लाख रुपए बचे हैं, जिसके लिए सभी अधिकारियों से एडवांस में खर्चे के बाउचर भरकर मांगे गए है। जिस तरह से एटीएस की सब छोटी-बड़ी अंदरूनी बातें मीडिया तक पहुंच रहीं हैं, यह इसलिए भी चिंताजनक है कि अगर ऐसे ही खीचतान चलती रही तो आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई भी प्रभावित हुए बिना नहीं रहेगी।
एसएस फंड के मामले में किसने, कितने के बाउचर भर कर दिए और किसने नहीं भरे यह तो विभाग के अधिकारी जाने, मगर इसको लेकर एटीएस में पुलिस अधिकारी-कर्मचारी दो धड़े में बट गए हैं। एक धड़ा एसएस फंड से इस तरह से खर्च को लेकर पूरी तरह से इसकी मुखालफत करने में जुटा है तो दूसरा किसी तरह से मामला शांत कराने में लगा है।
मुखालफत करने वाले धड़े को लोग कहते हैं कि एसएस फंड का दुरुपयोग न हो इसके लिए आईजी एटीएस को तत्कालीन एडीजी एके जैन ने फंड के तिमाही आडिट के अधिकार दिए थे, जबकि वर्तमान एडीजी कपिल गर्ग ने दिसम्बर महीने में आईजी के एसएस फंड का तिमाही आडिट करने के बाद नया आदेश जारी करके आईजी का आडिट अधिकार छीन लिया। वे कहते हैं कि इससे फंड के दुरुपयोग की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। एसएस फंड का उपयोग आतंकियों के खिलाफ सूचनातंत्र विकसित करने के लिए किया जाना चाहिए, जबकि इसका इस्तेमाल आला अधिकारी फर्नीचर, काफी मशीन, टेलीवीजन, कार की लग्जरी बढ़ाने आदि में कर रहे हैं, इस पर रोक नहीं लगी तो आगे इसका दुरुपयोग और बढ़ेगा।
दूसरा धड़ा कहता है कि एसएस फंड अन आडिटेड फंड है। एटीएस के मुखिया जो भी कर रहे हैं, वे ठीक है। वे कहते हैं कि हो सकता है कि उनके काम करने का तरीका कानून सम्मत न हो लेकिन उनकी नीयत पर हमे कोई शक नहीं है।

किसने सूचना दी, मुझे बताइए

एटीएस एडीजी कपिल गर्ग से सवाल
फंड से खर्चे के मद में आपने एडवांस में वाऊचर भरने के निर्देश दिए है?
देखिए एटीएस में सब कुछ सीक्रेट है। इस बारे में कोई जानकारी नहीं दे सकता।
हमें आपके विभाग के लोगों ने ही बताया है कि आपने शाखा के सभी अधिकारियों को बुलाकर ऐसे निर्देश दिए है?
मैं कह चुका हूं कि ये सीक्रेट मसले है। आपको जो भी जानकारी दे रहा है वह गलत कर रहा है। आप उसकी जानकारी मुझे दीजिए।

ये जानकारी दे दीजिए कि फंड का कितना रुपया बचा है और कितना खर्च हुआ?
फंड में खर्च करने के बारे में तो सरकार भी नहीं पूछ सकती। एटीएस को सुरक्षा की जिम्मेदारियों को देखते हुए सूचना के अधिकार से परे रखा गया है। आप सूचना देने वाले की जानकारी दें तो बेहतर होगा, क्योंकि ऐसे लोगों की इस शाखा में जरूरत नहीं है। ऐसे व्यक्ति हमारी गोपनीयता कभी भी भंग कर सकते है। जिससे हमारी कार्यप्रणाली बाधित होगी।


मुझसे क्यों उगलवाना चाहते हैं
आईजी डॉ. आलोक त्रिपाठी से सवाल
क्या सभी अधिकारियों को एडीजी ने फंड की धनराशि इस्तेमाल के लिए एडवांस में वाऊचर के निर्देश दिए है?
देखिए फंड की जानकारी देने के लिए एडीजी अधिकृत है। इस बारे में आप उनसे ही बात कीजिए।
लेकिन हम तो आपसे यह जानना चाह रहे है कि आपने भी कोई वाऊचर भरा है क्या?
यह सीके्रट ब्रांच है। यहां की कोई भी, कैसे भी जानकारी नहीं दे सकता।

एटीएस का गठन पर तत्कालीन एडीजी एके जैन ने एसएस फंड का दुरुपयोग रोकने के उद्देश्य से इसके तिमाही आडिट की जिम्मेदारी आईजी एटीएस को करने के अधिकार दिए थे। आपको तो एसएस फंड के आडिट का अधिकार है?
इस पर मैं कुछ नहीं कह सकता।
मुझे जानकारी मिली है कि आपने 31 दिसम्बर को एसएएस फंड का आडिट किया था?
आप मुझसे जबरदस्ती कबूल करवाने का प्रयास क्यों कर रहे हैं?
नहीं मेरा ये इरादा नहीं है, अच्छा ये बता दीजिए कि क्या आईजी के आडिट करने के अधिकार खत्म कर दिए गए हैं?
आप तो सब जानते हैं, मुझसे क्यों कहलवाना चाहते हैं?
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सामने लाओ मै भी तो जानू
डिप्टी एसपी दिलीप शर्मा से सवाल
आपने खुद तो खर्चे का एडवांस वाऊचर भरा ही औरों से भी भरवाया है?
नहीं मैंने किसी से जबरन वाऊचर नहीं भरवाए। वैसे भी आजकल कोई किसी की कहां मानता है।
लेकिन इंस्पेक्टर्स का कहना है कि आपने जबरन भरवाए है?
ऐसा कोई कह रहा है तो सामने लाओ, मैं भी तो जानू कि जबरन वाऊचर क्यों भरे है।
चलिए ठीक है ये तो मानते ही हो कि आपने वाऊचर भरा है, क्या ये कानूनी तौर पर गलत नहीं है?
गलत और सही का फैसला करने का अधिकार अधिकारियों को है। इस बारे में आप उनसे ही बात करो।

एएसपी हेमंत शर्मा
आपने कितने के बाउचर भरें है?
मैं इस महकमे में नया आया हू्ं, मैं इस बारे में कुछ नहीं बता सकता। आप उच्चाधिकारियों से पूछे।

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