Sunday, May 2, 2010

सीएमओ से गायब होती हैं पत्रावलियां!

मुख्य सूचना आयुक्त ने दिया आदेश जांच कर तय करें जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री कार्यालय से कभी भी कोई जरूरी दस्तावेज गायब हो सकते है। प्रदेशवासियों की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे जाने वाले ज्ञापन और शिकायती पत्रों को संभालने की जिम्मेदारी भी तय नहीं है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्य सूचना आयुक्त की ओर से हाल ही जारी एक आदेश का आशय तो यही निकलता है। आदेश में साफ लिखा है कि सबूतों के आधार पर तो प्रार्थी केे पत्र सचिवालय को भेजे गए है, जबकि जवाब में किसी भी तरह का कोई भी ज्ञापन फैक्स, स्पीड पोस्ट मिलने से इनकार कर दिया।
जानकारी के अनुसार स्वेज फार्म संयुक्त महासंघ के अध्यक्ष संजय शर्मा ने २६ अप्रैल २००८ को स्पीड पोस्ट के जरिए ८८ पेजों का एक शिकायत पत्र भेजा था। पत्र में तीन आवासीय योजनाओं में कुछ प्रशासनिक अधिकारियों पर मिलीभगत कर पद के दुरूपयोग की शिकायत की थी। उसके बाद महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने ४ अगस्त, ०८ मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव को ज्ञापन सौंपा गया। शर्मा ने १५ दिसम्बर, ०८ को सीएमओ में फैक्स कर अपनी शिकायत दर्ज कराई। लंबे अंतराल के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होते देख शर्मा ने मार्च, ०९ को सूचना के अधिकार में मुख्यमंत्री कार्यालय से तीनों शिकायतों पर क्या कार्रवाई की गई इसकी जानकारी मांगी। जब निर्धारित अवधि में सूचना नहीं दी गई तो प्रथम अपील अधिकारी के सामने अपील की, वहां भी कोई जवाब सीएमओ से नहीं आया। उसके बाद शर्मा ने मुख्य सूचना आयुक्त के सामने अपील की। सूचना आयोग की ओर से भेजे गए नोटिस का मुख्यमंत्री कार्यालय ने जवाब दिया कि विभिन्न तरीकों से भेजे गए तीनों ही पत्र प्राप्त नहीं हुए है। सुनवाई में शर्मा ने फैक्स और स्पीड पोस्ट की रसीदें दिखाई।
उपस्थित ही नहीं
सूचना के अधिकार के प्रति मुख्यमंत्री भले ही सम्मान करते हो, लेकिन उनके कार्यालय में तैनात अधिकारियों को ऐसा नहीं लगता। यही कारण है कि आयोग की सुनवाई में मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से पक्ष रखने के लिए कोई उपस्थित नहीं था। जानकारों का कहना है कि जब जिम्मेदार लोग ही कानून की इस तरह से अवहेलना करेंगे तो और सरकारी विभागों से क्या अपेक्षा की जा सकती है।
ये दिया आदेश
आयोग के अध्यक्ष एमडी कौरानी ने नरम रूख अपनाते हुए लिखा कि मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी जांच करवाए कि उनके कार्यालय में पत्र मिलने के बाद भी उपलब्ध क्यों नहीं हो रहा है। जिस रजिस्टर्ड पत्र का संदर्भ दिया गया है वह पार्सल उनके कार्यालय में प्राप्त हुआ था या नहीं। यदि नहीं हुआ तो समस्त पत्रादि कहां गए। यह जांच कर उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए अग्रिम कार्यवाही करवाई जाए।

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