Sunday, May 2, 2010

वोल्वो नहीं डीलक्स प्लीज...

रोडवेज बसों को खत्म कर रहा अपने बेड़े से
आम आदमी की यात्रा हुई महंगी
निजी बसों को फायदा पहुंचाने के लिए राजस्थान रोडवेज ने डीलक्स बसों की खरीद बंद कर दी है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि रोडवेज के ही आंकड़े इस बात का खुलासा कर रहे है। आंकड़ों से साफ है कि पिछले दो साल में करीब १८०० बसों की खरीद के लिए अनुमति मिलने के बाद भी रोडवेज प्रशासन ने एक भी डीलक्स बस नहीं खरीदी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बजट वर्ष २००७-०८ से पूर्व रोडवेज प्रशासन करीब ५० डीलक्स बसों की सालाना खरीद करता था। जिससे यात्रियों को खटारा और पुरानी बसों की जगह नई बसों की सुविधा मिल सके। वर्ष २००७-०८ में राज्य सरकार से अनुमति मिलने के कारण किसी भी श्रेणी की बस नहीं खरीदी गई। इसके बाद रोडवेज को वर्ष २००८-०९ में राज्य सरकार ने ११५० बसों को खरीद करने की अनुमति मिली, इन बसों में ५० बसें डीलक्स व एसी बनवाई जानी थी, लेकिन रोडवेज प्रशासन ने इस और बेरुखी अपनाई। रोडवेज ने स्वीकृत की गई ११५० बसें एक्सप्रेस कैटेगरी की तैयार करवा ली। चालू सत्र में भी सरकार ने रोडवेज को ६५० बसें खरीदने को हरी झंडी दे दी, लेकिन रोडवेज इस बार भी डीलक्स और एसी बसें खरीदने में रूचि नहीं दिखा रहा हैं।
किराए का अंतर --जयपुर से दिल्ली का किराया डीलक्स - ३०० रुपए, एसी - ४०० रुपए व वोल्वो -५५० रुपए है। डीलक्स बसें नहीं होने से मध्यम वर्गीय लोगों के लिए सस्ती यात्रा का विकल्प समाप्त हो गया, जिसका फायदा निजी बस ऑपरेटर्स उठा रहे है। डीलक्स बसों का रूट जयपुर-कोटा, जयपुर-जोधपुर, जयपुर- आगरा ही रहता था। यही कारण है कि पिछले सालों में हाइवे पर दौडऩे वाली रोडवेज की डीलक्स बसों की संख्या मात्र २ रह गई है। जबकि पिछले कुछ साल पहले इनकी संख्या १६ से १८ हुआ करती थी। निजी बस ऑपरेटर्स रोडवेज से कम्पीटिशन के फेर में अपनी रेट्स कम रखते थे, लेकिन जब सरकारी एजेंसी ही फेल हो गई तो उन्होंने भी मनमानी दरें बढ़ाकर मध्यमवर्गीय लोगोंं की जेब पर वजन डाल दिया।
यह है तकनीकी कारण
डीलक्स बसें ५ किलोमीटर चलने के बाद तकनीकी तौर पर सेमी डीलक्स किराए पर संचालित होती है, क्योंकि बसों का स्तर डीलक्स के मुताबिक नहीं रहता। ऐसे में रोडवेज ८० फीसदी से ज्यादा डीलक्स बसों को सेमी डीलक्स बसों के किराए पर ही संचालित कर रहा है। जिम्मेदारी से बचने के लिए डीलक्स जोन के मैनेजर ने दिल्ली व आगरा हाइवे को छोड़कर दूसरे मार्गो पर चलने वाली डीलक्स बसों को अन्य आगारों में ट्रांसफर कर दिया। रोडवेज प्रशासन एसी व वोल्वों बसों पर ही ध्यान दे रहे है जबकि मध्यम श्रेणी के यात्रियों को रोडवेज प्रशासन के कारण महंगी यात्रा करने को मजबूर होना पड़ रहा है।

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