Wednesday, February 10, 2016

कुचल दो इन आस्तीन के सांपों को

कुचल दो इन आस्तीन के सांपों को — सबक ले भारतीय सेना से जो उसके जवान बर्फ का सीना चीरकर युवाओं की हिफाजत कर रहा है और आस्तीन के सांप देश में आतंकियों को अपना आइडल मानकर जिंदाबाद के नारे लगा रहे है। थू एेसे सांपों पर — सबक ले अमरीका से, चाहे कितना विरोध उनके राजनीतिक दलों में हो, लेकिन देश पर आंच आने से पहले वे एकजुट हो जाते है, जबकि हमारे दोयम दर्जे के नेता मफलर और टोपी पहनकर एेसे समय में भी सरकार के खिलाफ मुद्दा तलाशने में जुटे हुए है। थू एेसे नेताओ पर — सबक ले जापान से जहां के युवाओं ने परमाणु बम से तबाह जापान को तकनीक के मामले में उंचाईयों तक पहुंचा दिया और जेएनयू के युवा सीखते यहां से और बखान आतंकियों का कर रह है। थू एेसे युवाओं पर — सबक ले दक्षिण कोरिया सरकार से जहां लाख प्रतिबंध की धमकियां मिल रही हो, लेकिन देश की सुरक्षा के मामले में किसी की परवाह नहीं की। देश की सरकार को इस मामले पर सख्ती दिखाते हुए एेसे आस्तीन के सांपों को नासूर बनने से पहले ही कुचलना होगा, भले ही भांड मीडिया और चिंदीचोर इस पर हल्ला मचाए, लेकिन एेसा नहीं हुआ। थू एेसी सरकार पर — सबक ले ब्रिटेन की पुलिस से जहां क्राइम होने के बाद किसी नेता की स्वीकृति या फिर एफआईआर दर्ज होने का इंतजार नहीं किया जाता। देश से जुड़ा मसला हो तो मौके पर ही फैसला कर देती है, लेकिन हमारी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, सिवाय कानून व्यवस्था बनाने की घटिया हरकत के। — देश पर मर मिटने की बात करने वाले चंद लोगों को एेसा सबक सिखा देते कि दुबारा एेसी हरकत करने की उनकी औलादें भी नहींे सोच पाती। इसके बाद क्या होता ज्यादा से ज्यादा सस्पेंड। जान तो नहीं देनी पड़ रही देश के लिए। इतना भी नहीं कर सकते। आतंकी अफजल को अपना बाप मानने वालों को भी उसके पास पहुंचा देना था वो भी बगैर रास्ते। देा भी पहुंच जाते तो बाकियों के समझ में आ जाती। सही कह रहा हूं इतना गुस्सा है कि यदि गलती से रास्ता भटक गया तो ....

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