Sunday, February 27, 2011

शेर नहीं फलसफा हैं ये

मुहब्बत में लोग जीते हैं यारों, गम में भी कोई जिया करो।
गम में तो सभी पीते है दोस्त, मुहब्बत में भी तो कोई पिया करो।।
- दिनेश गौतम 'चंचलÓ

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