Monday, March 22, 2010

अब इस नृत्यांगना की बारी!

दो साल में अब तक रामबाग चौराहे पर दो दफा हो चुकी है चोरी
रामबाग सर्किल पर लगी तीज सवारी के स्कल्पचर्स में से दो दफा चोरी होने के बाद एक बार फिर एक और कलाकृति कभी भी चोरी हो सकती है। स्कल्पचर्स में सबसे आगे लगी नर्तकी की कलाकृति कभी भी चोरी हो सकती है। नर्तकी की कलाकृर्ति को खड़ा रखने के लिए लोहे के एंगल का आधार पूरी तरह से तोड़ दिया गया है। हालात यह है कि वर्तमान में मूर्ति केवल कुछ पत्थरों के सहारे टिकी हुई है ऐसे में चोर कब आकर इसे ले जाएंगे कोई जानने वाला नहीं है। सुरक्षा के नाम पर तैनात गाडर््स को भी सोने से फुर्सत नहीं है वहीं जेडीए उनके भरोसे बैठा चैन की नींद सो रहा है।
शहर के सौंदर्यन को लेकर रामबाग चौराहा, बजाज नगर और टोंक रोड पर विभिन्न मुद्राओं में कलाकृति लगवाई गई थी। अष्टधातु की बनी इन महंगी मूर्तियों के चोरी होने का सिलसिला शुरू से ही चल रहा है। रामबाग से सवार्धिक दो मूर्तियां चोरी हो चुकी है। इसके बावजूद जयपुर विकास प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों ने सुरक्षा को लेकर कोई खास इंतजाम नहीं किए। डीबी स्टार को एक जागरूक नागरिक ने रामबाग चौराहे पर लगी एक कलाकृति चोरी होने का अंदेशा इस बात को लेकर जताया कि नर्तकी की कलाकृति केवल पत्थरों के सहारे टिकी हुई है, जबकि अन्य कलाकृति लोहे के एंगल से जुड़ी हुई है डीबी स्टार टीम ने माका देखा तो नजर आया कि स्कल्पचर्स सभी लोहे के एंगलों से जुड़े हुए है। सबसे आगे लगी नर्तकी की कलाकृति पत्थरों के सहारे खड़ी है। उसे थोड़ा सा हिलाया तो वह नीचे गिरने लगी। ऐसे में कलाकृति के चोरी करने के तरीके का आभास जरूर हो गया।
जानकारों ने बताया कि चोर लोहे के एंगल को धीरे-धीरे तोड़ते है और मूति को पत्थरों के सहारे खड़ा कर देते है। जब किसी को कोई संदेह नहीं होता तब मौका देख कलाकृति को उठा ले जाते है। चोर कलाकृतियों के उठा ले जाने का समय भी ऐसा रखते है कि भीड़ भी कम हो और सुरक्षा गार्ड को भी झपकी आती रहे। जब गार्ड की नींद खुलती हँै तो कलाकृति गायब नजर आती है।
जानकारी में सामने आया कि करीब अप्रैल, ०८ में लगी तीज की सवारी थीम बेस्ड कलाकृतियों में चोरों ने दो दफा हाथ आजमाए है। एक बार तो २४ जून, ०८ को चार कलाकृति व दूसरी बार ३१ दिसम्बर, ०८ को दो कलाकृति चोरी हो चुकी है। सुरक्षा एजेंसियों ने दोनो ही बार ज्योतिनगर थाने में चोरी का मामला दर्ज कराया।
मुकदमें में लगी एफआर
कलाकृति चोरी होने के दर्ज कुछ हाथ नहीं लगने के बाद सब इंस्पेक्टर एकता मीणा ने मामले में एफआर दे दी। मामले की जांच कर रही मीणा ने बताया कि जब मुल्जिम पकड़े जाएंगे तब केस खोलकर आगे की कार्रवाई को अंजाम दे दिया जाएगा।
और भी जगह यही हाल
बजाज नगर तिराहे पर लगी दो कलाकृतियां चोरी हो चुकी है। जबकि टोंक रोड आश्रम मार्ग पर दो दफा चोरी का प्रयास किया गया। एक प्रयास को तो करीब एक माह का समय ही हुआ है जब चोर कलाकृतियों को हिलाकर एंगल तोड़ रहे थे, तैनात गार्ड ने हल्ला मचा दिया।
जांच अधिकारी एकता मीणा से सवाल
रामबाग से कलाकृति चोरी के मामले में जांच कहां तक पहुंची?
उस मामले में तो कभी की एफआर लग चुकी है।
इतनी जल्दी एफआर देने का कारण?
जल्दी कहां, दो तीन महीने तलाश और जांच के बाद मामले में एफआर दी है। जांच में जब कुछ नहीं निकला तो कब तक उसे लेकर बैठे रहते ।
इसका मतलब जांच खत्म?
नहीं जब भी मुकदमे से संबंधित कुछ हाथ लगेगा तभी केस रिओपन हो जाएगा।
जांच किस आधार पर हुई?
मामला चोरी से जुड़ा है। जांच के लिए मूर्तिचोरों से पूछताछ की गई। कुछ जगहों पर मूर्तियां मिली, लेकिन वे चोर इस तरह की नहीं मंदिरों की मूर्तियां चुराते थे। इस कारण मामले में ज्यादा कुछ नहीं हाथ लगा।
जेडीए के एडिशनल चीफ इंजीनियर ललित शर्मा से सवाल
स्कल्पचर्स की सुरक्षा को लेकर क्या इंतजाम है?
२४ घंटें के लिए सुरक्षा गार्ड तैनात किए हुए है।
लेकिन वे तो सोते रहते है?
हमें क्या फर्ख पड़ता है। पहले की चोरी हुई कलाकृति की रिकवरी हमने सुरक्षा एजेंसी से की है।
तो क्या रिकवरी ही करते रहेंगे?
नहीं सुरक्षा को लेकर मार्च की रिव्यू बैठक में विचार किया गया थ। इसमें एसई को कलाकृतियों की सुरक्षा को लेकर प्रोजेक्ट बनाने को कहा गया है।
किस तरह का होगा प्रोजेक्ट?
ऐसा डिवाइस तैयार करने के लिए कहा गया है जिससे कलाकृतियों के हाथ लगाते ही अलार्म बज उठे। वैसे और भी संभावनाएं तलाशी जा रही है।

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